सोने-चांदी की ज्वैलरी खरीदने पर KYC के नए नियम: क्या है हकीकत और क्या कंफ्यूज़न?
Buying Gold: वित्त मंत्रालय के मुताबिक, नए नोटिफिकेशन में 10 लाख रुपए या ज्यादा पर KYC वाली शर्त फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स की सिफारिशों को ध्यान में रखकर लाया गया है.
मौजूदा नियमों के मुताबिक, 2 लाख रुपए से ज्यादा की नकद में ज्वैलरी खरीद पर ही KYC दस्तावेज लगते हैं. (PTI)
मौजूदा नियमों के मुताबिक, 2 लाख रुपए से ज्यादा की नकद में ज्वैलरी खरीद पर ही KYC दस्तावेज लगते हैं. (PTI)
Gold Buying Tips: सोने-चांदी की ज्वैलरी खरीदने पर KYC देना होगा. कई दिनों से यह खबर मीडिया में है. लेकिन, अब इस मामले में वित्त मंत्रालय ने सफाई जारी की है. ज्वैलरी खरीदने पर PMLA के तहत जारी नए नियमों पर यह सफाई जारी की गई है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, नए नोटिफिकेशन के आने से कंफ्यूजन फैला है कि ग्राहकों को अपनी हर खरीद पर KYC देना होगा. लेकिन, नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह अमल उन स्थितियों में होगा, जब महीनेभर में एक ग्राहक को 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा रकम की ज्वैलरी बेची गई हो.
मतलब 10 लाख से कम की ज्वैलरी अगर किसी ग्राहक को बेची जाती है तो कोई KYC दस्तावेज नहीं देना होगा. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, नए नोटिफिकेशन में 10 लाख रुपए या ज्यादा पर KYC वाली शर्त फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स की सिफारिशों को ध्यान में रखकर लाया गया है.
दरअसल, 28 दिसंबर को PMLA के तहत जारी नोटिफिकेशन में KYC जरूरी होने का दावा कर कई ज्वैलर्स ग्राहकों से KYC दस्तावेज मांगने लगे हैं. ज्वैलर्स को इस नोटिफिकेशन में कई व्यवहारिक दिक्कतें दिखने लगीं. जैसे कि वो एक-एक ग्राहक की बिक्री का रिकॉर्ड कैसे रखेंगे और देखेंगे कि 10 लाख या उससे ज्यादा की सीमा पार हुई या नहीं. इस वजह से एहतियातन कुछ ज्वैलर्स ने ग्राहकों से सभी तरह की खरीद पर KYC मांगना शुरू कर दिया. मौजूदा नियमों के मुताबिक, 2 लाख रुपए से ज्यादा की नकद में ज्वैलरी खरीद पर ही KYC दस्तावेज लगते हैं.
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क्या है मामला?
वित्त मंत्रालय ने 28 दिसंबर को गोल्ड ट्रेड को PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के दायरे में लाने का नोटिफिकेशन जारी किया था. नोटिफिकेशन के मुताबिक, संदिग्ध खरीद या लेन-देन पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के पास यह अधिकार है कि वह बिना दस्तावेज के गोल्ड ट्रेड की गहनता से जांच कर सके. वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, ट्रांजैक्शन का हिसाब-किताब अब ज्वैलर्स को अपने पास रखना होगा. मामले में पकड़े जाने पर 3-7 साल तक सजा का प्रावधान भी है. सारा कंफ्यूजन यहीं से शुरू हुआ. क्योंकि, इससे अंदाजा लगाया गया कि छोटी रकम खरीदने पर भी KYC जरूरी होगी. जबकि सरकार का कहना है कि एक महीने में 10 लाख से ज्यादा की खरीद पर ही KYC की मांग की जाएगी.
अभी कितनी है लिमिट
फिलहाल, गोल्ड को छोड़कर सभी एसेट क्लास में लेन देन के लिए KYC डॉक्यूमेंट्स जरूरी है. वहीं, सोने के मामले में 2 लाख रुपए से ज्यादा के लेन-देन पर KYC डॉक्यूमेंट्स जरूरी होता है. इससे कम की खरीदारी पर KYC जरूरी नहीं है. सरकार सोने को भी शेयर, म्यूचुअल फंड्स और रियल एस्टेट जैसी एसेट क्लास की तरह ही बनाना चाहती है.
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04:01 PM IST